मुख्यमंत्री सशक्तिकरण योजना से 20 लाख का पंचायत भवन आधा अधुरा ,,लेकिन राशि निकल गई आधे से भी अधिक ।
पंचायत के सुस्त काम से ग्रामीण नाराज लगाया भ्रष्टाचार का आरोप ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 21.07.2025
कुमार सिंह माठले
बोड़ला – कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के ग्राम पचंायत जामुनपानी में नए पंचायत भवन के लिए बीस लाख रूपए की स्वीकृति हुई है । पंचायत ने काम शुरू तो कराया लेकिन काम अभी तक आधा अधुरा ही है जबकि बीस लाख में से लगभग पंदह लाख रू की राशि का आहरण हो चुका है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बोडला विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत जामुनपानी में 20 लाख रुपये की स्वीकृत लागत से बन रहा नया पंचायत भवन अधूरा पड़ा हुआ है। मिली जानकारी अनुसार मनरेगा और मुख्यमंत्री सशक्तिकरण योजना के तहत इस भवन के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। निर्माण कार्य का प्रस्ताव 01 अगस्त 2023 को तैयार किया गया और 09 सितंबर 2023 को तकनीकी स्वीकृति जारी की गई। निर्माण कार्य को 01 अप्रैल 2024 से प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित किया गया था।
निर्माण कार्य हेतु कुल 20 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से मनरेगा मद से 5.85 लाख रुपये और मुख्यमंत्री सशक्तिकरण योजना से 14.15 लाख रुपये की राशि शामिल है। निर्माण कार्य हेतु अभी तक 15.99 लाख रुपये का व्यय दर्ज किया जा चुका है।
हालांकि मौके की स्थिति देखी जाए तो पंचायत भवन का निर्माण कार्य अब भी अधूरा है। भवन का ढांचा खड़ा होने के बावजूद छत, प्लास्टरिंग, पेंटिंग, फिनिशिंग कार्य नहीं हो सका है। निर्माण स्थल पर सामग्री पड़ी होने के बाद भी काम रुका हुआ है। ग्रामवासियों का कहना है कि निर्माण की गति अत्यंत धीमी है और अब तक हुए खर्च पर भी सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों को लंबे समय से भवन के पूर्ण होने का इंतजार है।
निर्माण कार्य में हो रही देरी को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र कार्य पूरा करवाकर पंचायत भवन को ग्रामवासियों के उपयोग हेतु चालू करने की मांग की है, ताकि ग्रामीणों को पंचायत से जुड़ी सुविधाएं समय पर मिल सकें। ग्रामीणों की मांग है कि निर्माण कार्य की जांच कराई जाए,निर्माण की गुणवत्ता और खर्च का मूल्यांकन हो और शीघ्र निर्माण पूर्ण कर भवन का उपयोग प्रारंभ किया जाए।
सूचना पटल बना लेकिन जानकारी प्रदर्शित नहीं
कोई भी निर्माण कार्य प्रारंभ होने से पूर्व नागरिक सूचना पटल का निर्माण किया जाता हैं जिसमें निर्माण कार्य से संबंधित तकनीकी, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश,निर्माण एजेंसी, अनुमति लागत सहित अन्य जानकारी अंकित किया जाता हैं। नागरिक सूचना पटल बना तो दिया गया है लेकिन जानकारी गायब है । जो जांच का विषय तो है ही साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नियमों का उल्लंघन भी है ।



